ग्रह शान्ति और रुद्राभिषेक
श्रीराम ।
सावन मे विविध कामना से प्रतिएक वार रुद्राभिषेक के लिए प्रशस्त है। सावन का प्रत्येक दिन बिशेष है।
सावन मास मे रुद्राभिषेक से शिव शीघ्र प्रसन्न होकर कष्टो का निवारण करते है। ग्रह जनित पीडा़ और समस्त बाधाए दूर कर सुख शान्ति व समृद्धि प्रदान करते है।
सावन मास मे रुद्राभिषेक के लिए शिववास देखने की आवश्यकता नही होती है।
ग्रह जनित पीडा़ शमन के लिए उस ग्रह के वार मे रुद्राभिषेक कराने से बिशेष शान्ति होती है।
सूर्य सभी ग्रहो मे बलवान
है, सूर्य की प्रसन्नता से सभी ग्रह प्रसन्न होते है।बलवान सूर्य सभी अन्य ग्रहो के कष्ट का निवारण करता है।सूर्य को प्रसन्न करने के लिए रविवार को रुद्राभिषेक कराए।
चन्द्रमा सूर्य के बाद सबसे प्रबल दोष नाशक है। बलवान चन्द्रमा अन्य सभी ग्रहो के कष्ट का हरण कर देता है। चन्द्रमा को प्रसन्न करने के लिए सोमवार को रुद्राभिषेक कराये।
मंगल उग्र पापग्रह है, जो कुपित होकर अनेक कष्ट प्रदान करता है। कु्ण्डली मे मांगलिक योग हो अथवा मंगल कष्टकारी हो तो , शान्ति के लिए मंगलवार को रुद्राभिषेक कराये।
बुद्धि विकास, धन प्राप्ति, तथा बुध तथा राहू जनित कष्ट के निवारण के लिए बुधवार को रुद्राभिषेक करे।
बृहस्पति की शुभ व अशुभ स्थिति बहुत ही प्रबल प्रभावकारी होती है। मानसिक पारिवारिक व शारीरिक शान्ति के लिए अनिष्टनिवारण के लिए। गुरुवार को रुद्राभिषेक करे।
पति पत्नी व परिवार मे सामंजस्य, शांति , धन , सुख प्राप्ति के लिए शुक्रवार को रुद्राभिषेक करे।
शनि जनित कष्ट निवारण, साढेसाती, ढैय्या, पनौती आदि दोष शान्ति के लिए, शनिवार को रुद्राभिषेक करे।
कामना अनुसार रुद्राभिषेक की सामाग्री भिन्न भिन्न होती है।
पंचामृत, दूध, दही, तांबे के बर्तन मे न रखे।
हर हर महादेव!
बिशेष जानकारी के लिए संपर्क करे
पं.राजेश मिश्र "कण"
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