सुवर्च्चला कौन है ?

 

सुवर्चला कौन है?

विभिन्न गंर्थो मे सुवर्चला का वर्णन मिलता है। सुवर्चला सुर्यदेव की पत्नी संज्ञा का एक उपनाम है।

शब्दकल्पद्रुम प्राचीन संस्कृत शब्दकोश में सुवर्च्चला शब्द की जानकारी इस प्रकार है।

सूर्य्यपत्नी ।  इति त्रिकाण्डशेष ॥ अतसी ।  इति रत्नमाला ॥  सूर्य्यमुखीपुष्पम् । इति केचित् ।  आदित्यभक्ता ।  (अस्याः पर्य्यायो गुणाश्च यथा   -- “ सुवर्च्चला सूर्य्यभक्ता वरदावदरापि च । सूर्य्यावर्त्ता रविप्रीतापरा ब्रह्मसुदुर्लभा ॥ सुवर्च्चला हिमा रूक्षा स्वादुपाका सरा गुरुः । अपित्तला कटुः क्षारा विष्टम्भकफवातजित् ॥  “ इति भावप्रकाशस्य पूर्व्वखण्डे प्रथमे भागे ॥ ) ब्राह्मी ।  इति राजनिर्घण्टः ॥  देशविशेषे   पुं   ॥

सुवर्चला हनुमानजी की गुरुमाता का नाम है। सुवर्चला सुर्य की पत्नी संज्ञा का ही एक नाम है। इसकी पुष्टि शाश्त्रो मे सपष्ट रुप से मिलता है।

प्रमाण यह रहा~

आदित्यात् सुवर्चलायां मनुः।

नरसिंह पुराण अध्याय२२ श्लोक संख्या ३

सूर्य और सुवर्चला(संज्ञा) के गर्भ से मनु उत्पन्न हुए।

  

महा.अनुशासन पर्व में श्लोक संख्या १४५/५ 

में भी सूर्य की पत्नी का नाम सुवर्च्चला बताया गया है।

वरुणस्य तथा गौरी सूर्यस्य सुवर्चला।


वरुण की गौरी (पार्वती से भिन्न)

 तथा सूर्य की पत्नी सुवर्चला हैं।।


सुवर्चला सुर्य पत्नी संज्ञा का ही एक उपनाम है। इसमे किसी प्रकार का संसय नही है।

पं.राजेश मिश्र कण

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