श्रीराम ।
नागपंचमी का त्योहार नागों की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। यह त्योहार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में पड़ता है।
नागपंचमी की पूजा विधि:
नागपंचमी की पूजा में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
1. घर के बाहर गोबर से सांप की आकृति बनाना।
2. आकृति पर दही, दूर्वा, चंदन, फूल और मोदक चढ़ाना।
3. नागदेवता की पूजा करना और उन्हें प्रसन्न करने के लिए मंत्र जपना।
4. पूजा के बाद, आकृति को जल में विसर्जित करना।
नागपंचमी के लाभ:
नागपंचमी की पूजा करने से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:
1. सांपों का भय दूर होता है।
2. घर में सुख और समृद्धि आती है।
3. नागदेवता की कृपा से रोग और शोक दूर होते हैं।
कालसर्पदोष का अर्थ:
कालसर्पदोष एक ज्योतिषीय दोष है जो तब होता है जब राहु और केतु के बीच सूर्य और अन्य ग्रह होते हैं। यह दोष व्यक्ति के जीवन में अनेक समस्याएं पैदा कर सकता है, जैसे कि स्वास्थ्य समस्याएं, आर्थिक समस्याएं और व्यक्तिगत समस्याएं।
कालसर्पदोष के निवारण के लिए, निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
1. नागपंचमी की पूजा करना।
2. नागदेवता की पूजा करना और उन्हें प्रसन्न करने के लिए मंत्र जपना।
3. ज्योतिषीय सलाह लेना और उचित उपाय करना।
नागपंचमी और कालसर्पदोष के बारे में और जानने के लिए, यहाँ कुछ अतिरिक्त जानकारी है:
नागपंचमी के मंत्र:
नागपंचमी की पूजा में निम्नलिखित मंत्रों का जाप किया जा सकता है:
- "ओम कुरुकुल्यै हुं फट् स्वाहा"
- "नागप्रीतिकरं देवं क्षिप्रप्रसादनं प्रभुम्"
- "नागेंद्रहृदयं पूजयामि सदा नागेश्वरं प्रभुम्"
कालसर्पदोष के प्रभाव:
कालसर्पदोष के प्रभाव व्यक्ति के जीवन में अनेक समस्याएं पैदा कर सकते हैं, जैसे कि:
- स्वास्थ्य समस्याएं
- आर्थिक समस्याएं
- व्यक्तिगत समस्याएं
- करियर में समस्याएं
- वैवाहिक समस्याएं
कालसर्पदोष के निवारण के लिए, निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- नागपंचमी की पूजा करना
- नागदेवता की पूजा करना और उन्हें प्रसन्न करने के लिए मंत्र जपना
- ज्योतिषीय सलाह लेना और उचित उपाय करना
- दान-पुण्य करना
- साधना और तपस्या करना
नागपंचमी के दिन किए जाने वाले कार्य:
नागपंचमी के दिन निम्नलिखित कार्य किए जा सकते हैं:
- नागदेवता की पूजा करना
- सांपों को दूध और दही चढ़ाना
- गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना
- साधना और तपस्या करना
- परिवार और मित्रों के साथ समय बिताना
पं. राजेश मिश्र "कण"
भास्कर ज्योतिष्य व तंत्र अनुसंधान केन्द्र की आप सभी को नागपंचमी की हार्दिक शुभकामना व जय जय सीताराम ।
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