अति प्रभावशाली नृसिंह मन्त्र
जब शत्रु हावी हो जाए, कोई रास्ता न सूझे, जब भूत प्रेत पिशाचादि का उपद्रव हो, किसी ने तंत्र क्रिया द्वारा अभिचार किया हो तब कलियुग मे शीघ्र प्रसन्न होनेवाले प्रभु नरसिंह महराज की शरण ही उद्धार करने में सहायक हो सकती है।
यह शाबर मंत्र अत्यंत ही शक्तिशाली व शीघ्र प्रभाव देनेवाली है।
ॐ नमो भगवते नरसिंहाय। अतुल वीर पराक्रमाय। घोर रौद्र महिषासुर रुपाये। त्रिलोक्य डम्बराय। रौद्र क्षेत्र पालाय। ह्रीं ह्रीं क्रीं क्रीं। क्रमितताडय ताडय। मोहय मोहय द्रभि द्रभि। क्षोभय क्षोभय आभि आभि। साधय साधय ह्रीं ह्रदय। आशक्तये प्रीती ललाटे बन्ध। यही ह्रदये स्तम्भय स्तम्भय। किलि किलि ईं ह्रीं डाकिनीं। प्रच्छादय प्रच्छादय शाकिनीं। प्रच्छादय प्रच्छादय भूतं। प्रच्छादय प्रच्छादय अभुति अदुति स्वाहा। राक्षसं प्रच्छादय प्रच्छादय। ब्रह्म राक्षसं प्रच्छादय प्रच्छादय। आकाशं प्रच्छादय प्रच्छादय। सिंहिंनी पुत्रम प्रच्छादय प्रच्छादय। ऐते डाकिनी ग्रहं साधय साधय। शाकिनी ग्रहं साधय साधय। अनेन मन्त्रेण, डाकिनी शाकिनी भूत् प्रेत पिशाचादि। एकाहिक द्वाहिक त्र्याहिक चातुर्थिक पन्चमिक। वातिक पैत्तिक श्लेशमिक। सन्निपात केसरी। डाकिनी ग्रहादि। मुञ्च मुञ्च स्वाहा। मेरी भक्ति गुरु की शक्ति। फुरो मन्त्र ईशवरोवाचा।
इस मंत्र का पुर्ण फल प्राप्ति के लिए, प्रयोग करने के पूर्व गुरु से सविधान इसे ग्रहण करके सिद्ध करना चाहिए।
यह मंत्र अनेक कार्यो मे अनुभूत है।
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