सर्वसिद्धिप्रद कालिका मंत्र
साधक अपने नाम से सिद्धादिशोधन के पश्चात ही इस मंत्र का जप करे
कालिका का यह अचूक मंत्र है।यदि विधि विधान से जप पूजादि किया जाय तो माता शीघ्र प्रसन्न होकर ऐच्छिक / मनोवांक्षित फल देती है।
मंत्र :
ॐ नमो काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिह्वा वाली,
चार वीर भैरों चौरासी, चार बत्ती पूजूं पान ए मिठाई,माता काली की दुहाई,शब्द सॉचा, पिण्ड कॉचा, फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
ॐ नमो काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिह्वा वाली,
चार वीर भैरों चौरासी, चार बत्ती पूजूं पान ए मिठाई,माता काली की दुहाई,शब्द सॉचा, पिण्ड कॉचा, फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से आर्थिक लाभ व पारिवारिक सुख मिलता है। माता काली की कृपा से सब काम संभव हो जाते हैं। किसी भी मंगलवार या शुक्रवार के दिन, जब चतुर्थी य अष्टमी पडे, तो शुरु करे। काली माता को मीठा पान व मिठाई का भोग लगाते रहें। तथा मूर्ति य चित्र के समीप दीपक जलावें। लाल पुष्प अर्पण करे।
माता काली अपने भक्तों को सभी तरह की परेशानियों से बचाती हैं।
१लंबे समय से चली आ रही बीमारी दूर हो जाती हैं।
२ ऐसी बीमारियां जिनका इलाज संभव नहीं है, वह भी काली की पूजा से समाप्त हो जाती हैं।
३काली के पूजक पर काले जादू, टोने-टोटकों का प्रभाव नहीं पड़ता।
४हर तरह की बुरी आत्माओं भूत प्रेत, नजर दोष से माता काली रक्षा करती हैं।
५कर्ज से छुटकारा दिलाती हैं।
६व्यापारदि में आ रही परेशानियों को दूर करती हैं।
७जीवनसाथी या किसी खास मित्र से संबंधों में आ रहे तनाव को दूर करती हैं।
८ असफलता को दूर करती हैं।
९शनि-राहु की महादशा या अंतरदशा, शनि की साढ़े साती, शनि का ढइया / पनौती आदि सभी से काली रक्षा करती हैं।
१०पितृदोष और कालसर्प दोष जैसे दोषों दूर होते है।
२ ऐसी बीमारियां जिनका इलाज संभव नहीं है, वह भी काली की पूजा से समाप्त हो जाती हैं।
३काली के पूजक पर काले जादू, टोने-टोटकों का प्रभाव नहीं पड़ता।
४हर तरह की बुरी आत्माओं भूत प्रेत, नजर दोष से माता काली रक्षा करती हैं।
५कर्ज से छुटकारा दिलाती हैं।
६व्यापारदि में आ रही परेशानियों को दूर करती हैं।
७जीवनसाथी या किसी खास मित्र से संबंधों में आ रहे तनाव को दूर करती हैं।
८ असफलता को दूर करती हैं।
९शनि-राहु की महादशा या अंतरदशा, शनि की साढ़े साती, शनि का ढइया / पनौती आदि सभी से काली रक्षा करती हैं।
१०पितृदोष और कालसर्प दोष जैसे दोषों दूर होते है।
और भी अनगिनत कार्य है, जो माता की कृपा से संभव है। जितना भी लिखा जाय कम ही है।साधक गुरु से दीक्षा लेकर इस मंत्र का जप करे।
जय माता महाकाली।
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