लक्ष्मी को शीघ्र प्रसन्न करने के लिए
लक्ष्मी को शीघ्र प्रसन्न करने के लिए, शीघ्र फलदायी मंत्र की विधि विस्तार से दी जा रही है। साधकगण कमलगट्टे की माला से लाल आसन पर बैठकर जप आरंभ करे।
ग्रहण, दीपावली य किसी भी शुक्लपक्ष के शुक्रवार से जप आरंभ कर सकते है।
विनियोग : ॐ अस्य मंत्रस्य ब्रह्मऋषिः, गायत्री छन्दः,श्री महालक्ष्मीर्देवता, श्रीं बीजं, नमः शक्तिः, सर्वेष्ट सिद्धये जपे विनियोग : |
यह विनियोग पढ़ने के बाद न्यास करे |
न्यास
ब्रह्मऋषये नमः शिरसि | अपने दाए हाथ से अपने सिर के ऊपर सपर्श करे |
गायत्री छन्दसे नमः मुखे | मुख को स्पर्श करे |
श्री महालक्ष्मी देवतायै नमः हृदि | ह्रदय को स्पर्श करे |
श्रीं बीजाय नमः गुह्ये | अपने गुप्त अंग को स्पर्श करे |
नमः शक्तये नमः पादयोः | अपने दोनों पैरो को स्पर्श करे |
विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे | ऐसा बोलकर दोनों हाथो को अपने सिर के ऊपर से लेकर अपने पैरो तक घुमाये |इसके पश्चात कर और हृदयादि न्यास करे
करन्यास
कमले अंगुष्ठाभ्यां नमः | कमलालये तर्जनीभ्यां नमः | प्रसीद मध्यमाभ्यां नमः |
प्रसीद अनामिकाभ्यां नमः | महालक्ष्म्यै कनिष्ठिकाभ्यां नमः |
हृदयादि न्यास
कमले हृदयाय नमः | कमलालये शिरसे स्वाहा | प्रसीद शिखायै वौषट | प्रसीद कवचाय हुम् | महालक्ष्म्यै नमः अस्त्राय फट |
न्यास आदि करने के बाद महालक्ष्मी माँ का ध्यान करे|
ध्यान
ॐ या देवी सर्व भूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||
उसके बाद इन सत्ताईस अक्षर वाला महालक्ष्मी का मूलमंत्र का जाप करे |
“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः”
मंत्र गुरुमुख से ग्रहण करने पर बिशेष फलदायी है।
अधिक विस्तार य किसी भी प्रकार की विधि संबधी जानकारी के लिए कमेंट बाक्स मे मैसेज कर सकते है, यथाशीघ्र आपको उत्तर दिया जायेगा
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