पूजा पाठ जप तप करने वाले दुखी क्यो रहते है

प्रायः लोग कहा करते है कि मै वर्षो से पूजा, पाठ, जप, तप कर रहा हू, किंतु कोई लाभ नही मिलता मै परेशान रहता हू। फलाना व्यक्ति कोई पूजा पाठ नही करता वह बडा सुखी है। पूजा पाठ से कुछ नही होता। मेरा पूजा पाठ से विश्वास उठ रहा है। और प्रायः ऐसे लोगो को ईश्वर परीक्षा लेते है कहकर सांत्वना दी जाती है। लेकिन प्रायः यह सत्य नही होता। क्योकि इसके पीछे एक बडा राज यह है कि अधिकतर लोगो को पूजा जप तप मे मंत्र व साधन की सही जानकारी का अभाव होता है।प्रत्येक मंत्र अलग अलग व्यक्ति के लिये अलग अलग प्रभावकारी हो सकते है, जो यह जाने बिना जाप करता है  कि यह मंत्र उसके लिये लाभकारी नही है और वह जप करता है। और यही उनके दुख का कारण बनता है। यदि आप भी जानना चाहते है कि कौन सा मंत्र आपके लिये लाभकारी य हानिप्रद है तो हमारे ब्लाग के मुख पृष्ठ से जुडिये। मंत्र व साधन की जानकारी के लिये  यहॉ 
दबाए।
मंत्र तंत्र यंत्र एक ही शक्ति के तीन रुप है। व्यक्ति की शक्ति को  जगाकर उसमे गुरुतर शक्ति का संचार करने वाला गूढ़ रहस्य मंत्र कहलाता है। मन्त्र का ही चित्रात्मक रुप यंत्र है, तथा क्रियात्मक रुप तंत्र कहा जाता है। मंत्र के इन्ही तीनो रुपो के क्रियात्मक विज्ञान को मंत्र साधना कहते है।
मंत्र साधना की छोटी से छोटी प्रक्रियाओ मे जरा सी भी भूल चूक हो जाए तो साधक को मात्र असफलता ही नही मिलती अपितु कभी कभी बडे बिघ्न का शिकार भी होना पड़ता है।
     इस प्रकार की भूल चूक से बचने के लिये हमारे ब्लाग पर संपूर्ण जानकारी दी जा रही है।
सही मंत्र का चुनाव कैसे करे सिद्धादि शोधन इस लिंक से आप अपने लिये सही मंत्र का चुनाव कर सकते है।

कौन सा मंत्र आपके लिये शीघ्र फल देनेवाला है, जानने के लिये यहॉ मंत्रो के ऋणी व धनी होने के बारे मे जाने।

अपनी,आयु के अनुसार मंत्र चुनिए
उपरोक्त बिषय की जानकारी नीले अक्षर को छूकर लिंक खोले व संरुर्ण जानकारी पढिए।

दैनिक क्रिया कलाप के शाश्त्रोक्त विधान का पालन न करने से पुर्व अर्जित पुण्य नष्ट हो जाते है। पुण्य नष्ट होने से कष्ट की वञद्धि होती है।

यदि घर में गाय प्यासी बंधी रहे।
रजस्वला कन्या अविवाहित हो , 
और देवता के विग्रह पर चढाया गया फूलादि निर्माल्य दुसरे दिन तक पडा़ रहे तो, ये सभी दोष पहले के किये हुए पुण्य को नष्ट कर डालते है।
    (पद्म पुराण , पातालखण्ड ३०।२७)




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