स्वप्नफल विचार, दुःस्वप्न निराकरण

प्रायः हमलोग स्वप्न देखते है, और उसका फल जानने की तीव्र इच्छा होती है। आज इस बिषय पर विस्तृत जानकारी उपलबध करायी जा रही है।
शुभ स्वप्न
स्वप्न मे- राजा, मंत्री, ब्राह्म्ण, देवता ,गुरु, श्वेतवस्त्र धारण किये स्त्री इनके दर्शन व आशीर्वाद मिलना, बडे य उचे मकान, पर्वत, घोडा, सिंह आदि का दर्शन य उसपर चढ़ना, खून, खून से स्नान, खून की वर्षा, अपने सिर का छेदन, अपना मरण, शैय्या ( bed ) का जलना, वेद ध्वनि का सुनना, फूल देखना, दर्पण मिलना, दही चावल का भोजन, जुआ, लडाई, विवाद मे अपनी जीत, इंद्र धनुष का देखना,  ये सभी धन सम्मान व ऐश्वर्य की वृद्धि, तथा कष्टो से मुक्ति कराने वाले है।
     यदि स्वप्न मे फल पुष्प मे सफेद सर्प काटे तो जल्द ही विषेष धन की प्राप्ति हो।
   स्वप्न मे सप्प य बिच्छू के काटने से रक्त निकले तो विपत्ति दूर होकर सुख होवे।
    हाथ मे हथकडी पैरो मे जंजीर का बंधन,पुरुष य नारी के हाथ मे तलवार,जूता, खडाउ, देखना, श्वेतवस्त्रवाली स्त्री का स्नान करना, अपने पैर के मॉस को खाते देखना, सर्प दिखना,  पान मिलना, ऐसे स्वप्न लक्ष्मी प्राप्ति व सुख मिलने का सूचक है।
शिर के मॉस को खाते देखना, मणिमयपात्रो मे भोजन करना, ऐसे स्वप्न राज्यलाभ कराते है। 
   गाय दूहकर तुरंत पीते देखना, सूर्य मण्डल का देखना, अपना मरण देखे तो रोगी निरोग होय। निरोगी को लाभ होय।
  बगुला, मोरनी,  मुर्गी, दिखे तो चतुर स्त्री की प्राप्ति हो।
    शराब व खून का पीना दिखे तो, उत्तम विद्या व धन की प्राप्ति हो।मॉस चरबी का खाना, टट्टी (बिष्ठा) अपने शरीर मे पोतना य लगना,सफेद पत्ती पुष्प चंदन से देह सुसज्जित देखना, लाभ कराता है।
 हरीसब्जी, व सुन्दर अन्न कोई आकर दे जाय तो लाभ हो।
नदी, तालाब मे तैरना, य तैरकर पार जाना,सूर्योदय का देखना, कष्ट से छुटकारा दिलाता है।
    ऊँचे मंदिर पर चढ़कर आग लगी देखना,भाग्योदय कराता है।
राजा गौ ब्राह्म्ण का प्रसन्न देखना,पर्वत, वृक्ष, बगीचे, सुन्दर फल संयुक्त रुप से देखना बिगडे काम सिद्ध करानेवाला है।
घर पर किसी की मृत्यु पर सब रो रहे हो, तो लक्ष्मी व सुख की प्राप्ति हो। नाव पर चढ़कर नदी पार हो तो परदेश गमन होवे।
                  नोट- स्वप्न के बाद सोने से स्वप्न निष्फल हो जाता है, अतः सोवे नही।
 अशुभ स्वप्न-लाल वस्त्र पहनना, सूर्य चंद्र का निस्तेज दिखना, तारो का टूटना, अपने घर मे किसी स्त्री को हँस हँस कर मंगलगीत गाते देखना, नीम पलाश के वृक्ष पर चढ़ना, रुई कपास तेल लोहा मिलना, शरीर मे तेल मलना, इससे संकट व मृत्यु हो।
 शरीर के सारे बलो का व मुख के दॉत का गिरना धन व पुत्र का नाश कराता है।
 मरे व्यक्ति का अपने यहॉ भोजन य किसी वस्तु को टॉग कर ले जाना, धन हानि य कष्ट कराता है।
तॉबा य तॉबे का पैसा मिलना रोग का सूचक है।
अपनी स्त्री के वस्त्र को मरी स्त्री ले जावे तो पुत्र कष्ट य मृत्यु हो।
हाथ नाक का कटना, कीचड़ मे फसना, गधे, भैंस पर चढ़कर, तेल मलकर दक्षिण मे जाना, विवाह के मंगल गीत सुनना, अपने घर को किसी के द्वारा गिराते हुए देखना, काले तथा लाल वस्त्र वाली स्त्री का आलिंगन करना, श्राद्धादि पितृ कर्म करना, भूत प्रेत चण्डालो के साथ मिलना, य भूत प्रेत द्वारा पकडकर दक्षिण दिशा मे ले जाना, इत्यादि स्वप्न मृत्यु कारक होते है।
  नदी मे डूबना, नदी के बहाव मे बहना, बिना ऋतु के वर्षा देखना, बाज, रीछ, बिलाव, भैंस, सर्प, मक्खी, का दर्शन, पर्वत शिखर का य बडे मंजिल के ध्वज का गिरना, अशुभ फल व चिंता कारक है।

स्वप्नफल मिलने का समय- रात्रि केप्रथम प्रहर का १वर्ष मे,द्वितीय का आठ मास मे, तृतीय का तीन मास मे, अरुणोदय का दस दिन मे, तथा सुर्योदय से कुछ पहले  का तत्काल फल मिलता है।
 बहुत बडा बहुत छोटा स्वप्न निष्फल होता है।
        अशुभ स्वप्नदोष की शांति का उपाय- अशुभ स्वप्नदोष दूर करने के लिये, अपने इष्टदेव का पूजन, विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत, गजेन्द्र मोक्ष, चण्डी पाठ, मृत्युंजय का जप, हवन, यथाशक्ति स्वर्ण व गोदान,ब्राह्म्ण भोजनादि करवाना चाहिये।
 अशुभ स्वप्न देखकर तत्काल सो जाने से भी अशुभ स्वप्न का दोष मिट जाता है।
  अशुभ स्वप्न निवारण मंत्र---
लंकायाः दक्षिणेकोणे कुक्कुटो नाम ब्राह्म्णः। तस्य स्मरण मात्रेण, दुःस्वप्नो सुस्वप्नो भवेत्।।

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