सर्वसंकट हरण काली मंत्र व विधि
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सर्वसिद्धिप्रद सौम्य श्मशान काली मंत्र जप विधि-
विशेष नोट- अनुष्ठान के आरंभ और पूर्ण होने पर काली कवच का पाठ अवश्य करे।
गृह कलह, कर्ज, शत्रु पीडा,पदोन्नति मे बाधा, ग्रहबाधा, प्रेतबाधा, गृहदोष आदि समस्या के निवारण हेतु, यह अनुष्ठान परमोपयोगी है।
सर्व प्रथम पवित्र होकर आचमन,शिखा बंधन, गुरुवंदन, संकल्प करे।
पश्चात माता काली का यथासंभव षोडषोपचार, पूजन करे। रक्त पुष्प अर्पित करे। फिर निम्नानुसार-
विनियोग:-अस्य श्मशानकाली मंत्रस्य भृगुऋषी: । त्रिवृच्छन्द: । श्मशानकाली देवता। ऐं बीजम । ह्रीं शक्ति: । क्लीं कीलकम । मम सर्वेअभीष्ट सिद्धये जपे विनियोग: ।
ध्यान:-अन्जनाद्रिनिभां देवी श्मशानालय वासीनीं ।रक्तनेत्रां मुक्तकेशीं शुष्कमांसातिभैरवां ॥पिंगलाक्षीं वामहस्तेन मद्दपूर्णा समांसकाम ।सद्द: कृ तं शिरो दक्ष हस्तेनदधतीं शिवाम ॥स्मितवक्त्रां सदा चाम मांसचर्वणतत्पराम ।नानालंकार भूशांगीनग्नाम मत्तां सदा शवै: ॥
हृदयादि षडंगन्यास:-ऐं हृदयाय नम: ।ह्रीं शिरसे स्वाहा: ।श्रीं शिखायै वषट ।क्लीं कवचाय हुं ।कालिके नेत्रत्रयाय वौषट ।ऐं श्रीं क्लीं कालिके ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं अस्त्राय फट।इति हृदयादि षडंगन्यास: ॥मंत्र:-॥ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कालिके क्लीं श्रीं ह्रीं ऐं ।
यह साधना 7 दिन का है और इसमे रुद्राक्ष माला से 21 माला मंत्र जाप करना आवश्यक है, साधना समाप्ती के बाद हवन मे काले तिल व गुड से जप का दशांश 210 बार मंत्र मे स्वाहा लगाकर आहूती दीजिये मंत्र इस प्रकार होगा “ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कालिके क्लीं श्रीं ह्रीं ऐं स्वाहा”,आहुती के बाद नींबू और नारियल की बलि देना हैऔर नींबू का थोड़ा सा रस हवनकुंड मे ॐ पूर्णमिदं कहकर निचौड दीजिये,समय रात्री मे 10 बजे के बाद,दिशा दक्षिण,आसन-वस्त्र काले,भोग मे तिल और गुड के लड्डू ,यह साधना विधि, पूर्ण प्रामाणिक है और शीघ्र फलदायी भी है।
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